कुछ न करना ही गुलामी के समान है
किसी भी समाज में, जब व्यक्ति 'कुछ न करने' के सिद्धांत पर जीवन जीता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी स्वतंत्रता...
किसी भी समाज में, जब व्यक्ति 'कुछ न करने' के सिद्धांत पर जीवन जीता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी स्वतंत्रता...
‘एक देश, एक चुनाव’ से राज्य की स्वायत्तता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और राज्यों की निर्णय लेने की क्षमता बुरी...
गड्ढे देश की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं, रोजगार पैदा करते हैं, और हमारी राजनीतिक व्यवस्था की सच्चाई को उजागर...
"जो होता है, अच्छे के लिए होता है" एक ऐसी धारणा है जो केवल सांत्वना या मन रखने के रूप...
बेरोजगारी केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, यह पूरे समाज की संरचना और व्यवस्था का मुद्दा है। - रुसेन कुमार
आरक्षण का उद्देश्य सदियों से चली आ रही जातीय असमानता को समाप्त करना है।
हमें आसमान की ओर बढ़ना है, क्योंकि यह केवल ऊपर उठने का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों, भावनाओं...
रुसेन कुमार का कहना भाषा का मूल उद्देश्य संचार और लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देना है।
इस लेख में दिशाहीनता और मानवीय ऊर्जा (मानसिक ऊर्जा एवं मानसिक ऊर्जा) के बिखराव जैसे अति विशिष्ट विषय को सरलता...
आज के समय में परिवर्तन अनिवार्य है। चाहे वह तकनीकी क्षेत्र हो, सामाजिक संरचना हो या फिर हमारी व्यक्तिगत जीवनशैली।...
रुसेन कुमार प्रतिभाशाली पत्रकार, लेखक एवं सामाजिक उद्यमी हैं।
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