विचार शक्ति

“यदि तुम गरीब हो और रोज लाइब्रेरी नहीं जाते हो तो सचमुच में तुम बहुत गरीब हो” – रुसेन कुमार

गरीबी की वास्तविकता केवल आर्थिक परिस्थितियों में नहीं, बल्कि मानसिक और बौद्धिक सीमाओं में निहित होती है।

पत्रकार अर्थात् सत्तासीनों और शक्तिशाली वर्ग की असली समस्या

पत्रकार को एक ऐसी समस्या बनना चाहिए, जिसे सत्ता, शासक वर्ग, शक्तिशाली वर्ग नजरअंदाज नहीं कर सकते।

हमारा स्वभाव कैसा है – मक्खी या मधुमक्खी । रुसेन कुमार

प्रकृति में कुछ प्राणी अपने गुणों और स्वभाव से हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाते हैं। मक्खी और मधुमक्खी इन...

क्या मुसीबत है – रुसेन कुमार की मार्मिक कविता

इस कविता में रुसेन कुमार ने "मुसीबत" को काफिया बनाकर विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, और मानसिक विषमताओं को विस्तार से...

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