प्रथम सांसद, सतनामी समाज के प्रथम ग्रेजुएट, महान समाज सुधारक रेशमलाल जाँगड़े (परसाडीह) को रुसेन कुमार अपना राजनीतिक प्रेरणा शक्ति मानते हैं। रुसेन कुमार को उनके बचपन से ही रेशम लाल जाँगड़े का प्रेम मिला।
रुसेन कुमार के पिता पंचराम मिरी को रेशम लाल जाँगड़े छोटे भाई-सा स्नेह करते थे और उनका अभिन्न लगाव था।
पंचराम मिरी ने रेशम लाल जाँगड़े के साथ अनेक राजनीतिक एवं चुनावी यात्राएँ की हैं। रेशम लाल जाँगड़े रिश्ते में रुसेन कुमार के दादा धनीराम मिरी के सगे भांजे लगते थे।
यह चित्र 4 मार्च 2012 रायपुर में उनके निवास जनता कालोनी का है।
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छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसे कई महान व्यक्तित्व हुए हैं, जिन्होंने अपने कामों और योगदान से समाज को एक नई दिशा दिखाई है। ऐसे ही एक व्यक्तित्व हैं रेशम लाल जाँगड़े, जिन्होंने राजनीति और समाज सेवा में अपना योगदान देकर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है।
छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूज, महान देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सच्चे राजनेता और समर्पित समाजसेवक रेशम लाल जाँगड़े अनुसूचित जाति के लोगों के उद्धारक के रूप में उनकी ख्याति देशभर में है। रेशम लाल जाँगड़े का जन्म ग्राम- परसाडीह, पो. परसाडीह, तह. बिलाईगढ़, जिला – रायपुर (म.प्र.) में 15 फरवरी (दिन बुधवार) को सन् 1925 में हुआ था। उनके पिता का नाम टीकाराम जाँगड़े था।
रेशम लाल जाँगड़े के बड़े भाई मूलचंद जाँगड़े और भाई डा. भूषण जाँगड़े महान समाज सुधारक एवं राजनीतिक व्यक्तित्व हुए हैं।