एक अनूठी मुलाकात, जिसमें रुसेन कुमार ने अपने गुरु और मित्र डा. राधेश्याम पटेल से उनके निवास स्थान बलौदाबाजार में भेंट की। यह भेंट सिर्फ एक सामान्य मुलाकात नहीं थी, बल्कि गुरु-शिष्य के बीच के अटूट बंधन का प्रतीक थी। यह मुलाकात लंबे अंतराल से बाद हुई थी।
बलौदाबाजर (छत्तीसगढ़)। रुसेन कुमार ने अपने विद्यार्थी जीवनकाल के दिनों को याद किया, जब वे हटौद गांव में अपनी बुआ और फुफा के यहाँ पुत्र समान रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे। उसी दौरान विद्वान शिक्षक डा. राधेश्याम पटेल, वहाँ के प्रसिद्ध समाजसेवक और शिक्षक थे, उनसे परिचय हुआ और कब दोस्ती हुई और गुप्तभाव से गुरु बनकर प्रेरणा देते रहे वह अज्ञात ही बना रहा। उनसे मार्गदर्शन में रुसेन कुमार ने अपनी शिक्षा और व्यक्तित्व विकास की दिशा में कदम उठाए।
“सबसे बड़े महत्व की बात है किसी विद्वजन का सानिध्य मिलना, डा. राधेश्याम पटेल विद्वान पुरुष हैं और उनमें समाज के लोगों को एकजुट करके उनका सामाजिक हितों में समन्वय करने का अद्भुत गुण है।” – रुसेन कुमार
रुसेन कुमार जब कसडोल के समीप गाँव हटौद में माता स्वरूप अपनी बुआ श्रीमती जलबाई – पिता स्वरूप फूफा विद्वान शिक्षक माखनराम घृतलहरे (व्याख्याता – संस्कृत) के घर में पुत्र-समान रहकर अध्ययन कर रहे थे, डा. राधेश्याम पटेल उसी गांव में पटेल समाज के प्रसिद्ध समाजसेवक और हटौल के समीप असनीद गाँव में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक हुआ करते थे।
रुसेन कुमार वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2000 तक हटौद, कसडोल और बालौदाबाजार क्षेत्र में अत्यंत प्रतिभावान विद्यार्थी के रूप में पहचाने जाते थे। उन्होंने 11वीं, 12वीं तथा कालेज की शिक्षा कसडोल स्थित विद्यालय और महाविद्यालय से ग्रहण की। रुसेन कुमार ने वहाँ रहकर शिक्षक के रूप में तीन वर्ष शिक्षक के रूप में सेवा की तथा एक वर्ष दैनिक देशबंधु के लिए पत्रकारिता की, उसके उपरान्त जीवन को आगे बढ़ाने के लिए रायपुर चले गए।
एक समर्पित जीवनः डा. राधेश्याम पटेल
समाज और शिक्षा के प्रेरक
रुसेन कुमार के विद्यालय और महाविद्यालय शिक्षा काल में आगे बढ़ने में उन्होंने बहुत प्रेरक की भूमिका निभाई। रुसेन कुमार और विद्वान शिक्षक डा. राधेश्याम पटेल नवीन विषयों की में गहरी रुचि रखकर साथ-साथ पढ़ाई करते रहते और राज्य की अग्रणी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया करते । तब के समय में हिंदी साहित्य और समाज शास्त्र उनके प्रिय विषय हुआ करते थे।
हटौद, कसडोल एवं बलौदाबाजार क्षेत्र में, डा. राधेश्याम पटेल न केवल एक शिक्षक के रूप में बल्कि एक समाजसेवी के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपना जीवन समाज को शिक्षित और संगठित करने में समर्पित कर दिया है। वे विशेष रूप से एससी, एसटी और ओबीसी समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित करते हैं।
मित्र-गुरु के प्रति कृतज्ञता
आभार और प्रेरणा
रुसेन कुमार ने बलौदाबाजार स्थित डा. राधेश्याम पटेल के निवास पहुँचकर उनके द्वारा किए गए उपकारों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता और आदर भाव से उनके प्रति स्नेह और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भेंट के दौरान अपनी किताबें भी भेंट कीं और आशीर्वाद लिया। साथ ही, उन्होंने डा. राधेश्याम पटेल के मार्गदर्शन और प्रेरणा की कामना की ताकि समाज सेवा के कार्यों में वे आगे भी योगदान दे सकें।
शिक्षा की शक्ति
साझा सीखने की यात्रा
रुसेन कुमार और डा. राधेश्याम पटेल के बीच की मित्रता सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं बल्कि शैक्षिक आदान-प्रदान में भी महत्वपूर्ण रही है। दोनों ही नवीन विषयों में गहरी दिलचस्पी रखते थे और साथ-साथ पढ़ाई करके राज्य की अग्रणी प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया करते थे।
रुसेन कुमार ने कहा – “डा. राधेश्याम पटेल जी की शिक्षा और समाज सेवा में निष्ठा ने मुझे समाज के प्रति सेवा भावना से काम करने की प्रेरणा दी।”
सामाजिक सेवा में अग्रणी
पटेल समाज का गौरव
डा. राधेश्याम पटेल जी कसडोल-बलौदाबाजार क्षेत्र में पटेल (मराज) समाज के एक जाने-माने नाम हैं। उनकी सामाजिक सेवा और शिक्षण में उनके योगदान को समाज बड़े आदर से देखता, सराहता और प्रेरणा लेता है।
मुलाकात के समय, रुसेन कुमार ने अपने गुरु के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प दुहराया। उनका मानना है कि शिक्षा ही एक समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कुंजी है।
आदरणीय शिक्षक
शिक्षा का उजाला फैलाते हुए
वर्तमान में डा. पटेल बलौदाबाजार के आत्मानंद विद्यालय में एक आदरणीय शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, जहाँ वे विभिन्न सामाजिक समूहों के बच्चों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करते हैं।
मित्र-गुरु के प्रति आभार
कृतज्ञता और भविष्य की कामनाएँ
रुसेन कुमार ने न केवल अपने मित्र – गुरु के प्रति आभार जताया बल्कि उन्हें अपनी किताबें भेंट करते हुए उनके आशीर्वाद की कामना की। उनकी यह भेंट गुरु के प्रति सम्मान और स्नेह की एक गहरी अभिव्यक्ति थी।
समाज सेवा में साथ
संगठित और सशक्त समाज की दिशा में
अपनी भेंट के दौरान, रुसेन कुमार ने डा. राधेश्याम पटेल से आगे भी समाज सेवा के कार्यों में मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करने की कामना की। इस तरह से उन्होंने गुरु- शिष्य, मित्र-मार्गदर्शक के बीच के अदृष्य संबंध को और भी मजबूत किया।