जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में स्थित एक अत्यंत प्रभावकारी लोकसभा संसदीय क्षेत्र है, जिसे अनुसूचित जातियों (SC) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है और इसमें आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। वर्तमान सांसद गुहाराम अजगले हैं, जो 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से जीते।
हालांकि, वर्षों से विभिन्न दलों और नेताओं के प्रतिनिधित्व के बावजूद, जांजगीर-चांपा राज्य के सबसे पिछड़े और विकास से वंचित क्षेत्रों में से एक बना हुआ है।
इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि खराब बुनियादी ढांचा, बुनियादी सुविधाओं की कमी, निम्न साक्षरता दर, उच्च गरीबी दर, पर्यावरणीय क्षरण, और सामाजिक भेदभाव।
मेरे विचार से जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र को विकास से उपेक्षित और पिछड़ा में करने के कुछ कारण इस प्रकार हैंः
राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव
जांजगीर-चांपा को विकास से उपेक्षित करने का मुख्य कारण इसके प्रतिनिधियों में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। अल्प समझ और अशिक्षित, अप्रशिक्षित, तथा सामाजिक विषयों में अरुचि के कारण यहाँ के जनप्रतिनिधियों में राजनीतिक इच्छाशक्ति का नितांत अभाव देखा गया है। वे राजनीतिक हैसियत का उपयोग ऐशो-आराम तथा अपनी राजनीतिक पार्टियों के पिछलग्गू होने के रूप में ही कर पाते हैं, इससे अधिक सोचने-विचारने का सामर्थ्य उनमें दिखाई नहीं देता।
जवाबदेही का अभाव
जांजगीर-चांपा को सामाजिक एवं आर्थिक विकास की दृष्टिकोण से उपेक्षित करने का मुख्य कारण यहाँ के जनप्रतिनिधियों में जवाबदेही का नितांत अभाव देखा गया है। इस क्षेत्र के वर्तमान एवं पूर्व के सभी सांसदों और विधायकों ने अपने मतदाताओं की समस्याओं और मांगों को संसद और राज्य विधानसभा में उठाने में विफल रहे हैं। उन्होंने अपने लोगों की भलाई के लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं (केंद्र एवं राज्य की ओर से) के लिए आवंटित धन का भी सही से उपयोग नहीं किया है।
सामाजिक जागरूकता का अभाव
जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र को विकास से वंचित रखने का एक और कारण इस क्षेत्र के लोगों में सामाजिक जागरूकता और सशक्तिकरण की कमी है। इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी) की जनसंख्या का प्रतिशत 32.6% है और साक्षरता दर 64.8% है, जो कि 2011 की जनगणना के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य की सामान्य साक्षरता दर 70.28% से कम है। इसका मतलब है कि जांजगीर-चांपा संसदीय क्षेत्र में शिक्षा का स्तर राज्य के औसत से भी कम है। शिक्षा की कमी के कारण, लोगों में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता की कमी होती है, और वे अपने हितों के लिए आवाज उठाने में असमर्थ होते हैं।
गुहाराम अजगले – अत्यंत निष्क्रिय सांसद
वर्तमान सांसद, अनुसूचित जाति से निर्वाचित होने के बावजूद एक निष्क्रिय सांसद हैं। अपने क्षेत्र के विकास के लिए पर्याप्त कार्य नहीं किया है या उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन संसद में अपेक्षित स्तर के अनुसार नहीं रहा है। अपने क्षेत्र की समस्याओं और मुद्दों को संसद में प्रमुखता से नहीं उठाया,अपने मतदाताओं से जुड़ने और उनकी समस्याओं को सुनने में पर्याप्त समय और प्रयास नहीं लगाना, उन्हें निष्क्रिय सांसद का तमगा देने के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा, उन्होंने शायद ही कभी विकास कार्यों और योजनाओं को लागू करने में भी अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई हो।
सार बातें
जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जातियों के लोगों की बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद, उनका सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। वे अभी भी भेदभाव और शोषण का सामना कर रहे हैं, और उनके पास सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए आवश्यक संसाधनों और अवसरों की कमी है। उनमें सामाजिक जागरूकता का अत्यंत अभाव है। यहाँ के मूलनिवासी लोग अभी भी अतिरिक्त आय कमाने के लिए बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए वर्षों से पलायन करते देखे गए हैं।
जय छत्तीसगढ़ ! जय जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र !