रुसेन कुमार का कहना है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत विद्या हमारी अमूल्य विरासत है, बच्चों में भारतीय संगीत शिक्षा के प्रति विशेष आदर की भावना आए, इसके लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
रुसेन कुमार को कला एवं सगीत गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर (रायगढ़) का विशेष सानिध्य निरंतर मिलता रहा है। रुसेन कुमार, जो कि शास्त्रीय संगीत के प्रति विशेष लगाव रखते हैं, कलागुरु के प्रति अत्यंत आदरणीय भाव रखते हैं।
कला गुरु 88 वर्ष के दीर्घायु में भी कला साधना करते हुए अनेक बच्चों और युवाओं को संगीत (गायन एवं वादन) की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह की स्थापना, संचालन, विकास एवं संवर्धन में कला गुरु का अतुलनीय योगदान रहा है। संगीत के प्रति उनकी आजीवन निष्ठा दुर्लभ है।
यह अत्यंत गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2023 का कला व संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला चक्रधर सम्मान संगीत गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर को दिया गया।
1935 में जन्मे वेदमणि संगीत और साहित्य दोनों में अच्छी दखल रखते हैं। उनके द्वारा रची गई संगीत की हजारों रचनाएँ संगीत साधकों के लिए अमूल्य धरोहर की तरह हैं।
तबला, गायन व सितार में प्रवीणता के साथ प्रयाग संगीत इलाहाबाद से उत्तीर्ण, प्रयाग संगीत इलाहाबाद की संगीत मासिक पत्रिका के विशेषज्ञ लेखक रहे हैं।